सुप्रीम कोर्ट का ईवीएम के विरोध में लैंडमार्क जजमेंट! -वामन मेश्राम.
08 अक्टूबर 2013 को सुप्रीम कोर्ट ने ईवीएम के विरोध में फैसला दिया। डा. सुब्रमण्यम स्वामी ने ईवीएम के विरोध में सुप्रीम कोर्ट में केस दायर किया था। डा. सुब्रमण्यम स्वामी का यह कहना था कि ईवीएम में कमियाँ है, खामियाँ है, कमजोरियाँ है और दोष है। इसलिए ईवीएम से चुनाव नहीं करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट के जजों ने इस बात को स्वीकार किया कि ईवीएम में कमियाँ है, खामियाँ है, कमजोरियाँ है और दोष है।
EVM का क्या सुझाव है?
सुप्रीम कोर्ट के जजों ने ईवीएम का यह दोष स्वीकार करने के बाद डा. सुब्रमण्यम स्वामी को पूछा कि हम लोग चुनाव में ईवीएम को रखना चाहते हैं इसलिए ईवीएम में उन कमियाँ, खामियाँ, कमजोरियाँ और दोष को दूर करने के लिए क्या आपके पास कोई सुझाव है? डा. सुब्रमण्यम स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट को कहा कि हाँ, मेरे पास ईवीएम में कमियाँ, खामियाँ, कमजोरियाँ और दोष को दूर करने का सुझाव है। सुप्रीम कोर्ट के जज ने पूछा की क्या सुझाव है? डा. सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि जिस तरह से एटीएम मशीन में पैसा निकालने के बाद रसीद आती है, उसी तरह से वोट डालने के बाद ईवीएम से रसीद आनी चाहिए।
EVM कब सही काम करेगी.
डा. सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा कि जैसे मैं बैंक के एटीएम से पैसा निकालता हूँ तो एटीएम मशीन से पैसा के साथ-साथ रसीद निकलती है और उस रसीद में लिखा होता है, ‘‘आपके एकाउन्ट में एक लाख रूपये जमा था। पाँच हजार रूपये अपने एकाउन्ट से निकाला और 95 हजार रूपये आपके एकाउन्ट में अभी भी जमा है।’’ एटीएम धारक को यह तसल्ली हो जाती है कि यह मशीन सही काम कर रही है।
EVM मशीन ATM मशीन की तरह होनी चाहिए.
उसी तरह से मतदाता जब वोट डालने के लिए जाता है और जब वह ईवीएम का बटन दबाता है तो लाईट जलती है, बीप की आवाज होती है, मगर ईवीएम से कोई रसीद या कोई कागज का टुकड़ा बाहर नहीं आता है। इसलिए एटीएम मशीन की तरह ईवीएम में भी कागज का टुकड़ा बाहर आना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने डा.सुब्रमण्यम स्वामी की इस बात को स्वीकार किया और इसे स्वीकार करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने 08 अक्टूबर 2013 को ईवीएम के बारे में जो निर्णय दिया, वह ईवीएम के विरोध में है।