Harit Kranti Kya Hai in Hindi : हरित क्रांति क्या है ? इसके बारे में पढे हिंदी में, हरित क्रांति शब्द का प्रयोग 1940 और 1960 के समयकाल में विकासशील देशों में कृषि क्षेत्र में किया गया था। सिंचाई के लिए आधुनिक उपकरणों की व्यवस्था, कृत्रिम खाद एवं विकसित कीट नाशक तथा बीज से लेकर अंतिम उत्पाद तक विभिन्न नवीनतम उपकरण व मशीनों की व्यवस्था, हरित क्रान्ति का ही परिणाम माना जाता है। ( Harit Kranti Kya Hai in Hindi )
हरित क्रांति के बारे में आप क्या जानते हैं? Harit Kranti Kya Hai in Hindi
- क्या आज के समय में द्वितीय हरित क्रांति संभव है? यदि हाँ तो इसके लिए क्या प्रयास किये जाने चाहिए?
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा है कि देश में वर्ष 2010-11 में अन्न का रेकॉर्ड 241 मिलियन टन उत्पादन हुआ, लेकिन भविष्य में अन्न की बढती मांग देखते हुए दूसरी हरित क्रांति की ज़रूरत है. - प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा कि महत्वपूर्ण फसलों का उत्पादन बीते वर्ष में रेकार्ड स्तर तक पहुँच गया है.
- गेहूँ, मक्का औऱ दालों के बेहतर उत्पादन की वजह से 2010-11 के दौरान 241 मिलियन टन का उत्पादन हुआ.
- प्रधानमंत्री ने भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के एक समारोह में भाषण देते हुए कहा कि तिलहन उत्पादन में भी रेकार्ड वृद्धि हुई है.
- मनमोहन सिंह ने किसानों औऱ वैज्ञानिकों के प्रयासों की भरपूर सराहना करते हुए कहा कि उनकी वजह से ही ये संभव हो पाया है.
- अनाज की ज़रूरत
- मनमोहन सिंह ने ज़ोर देकर कहा कि देश को खाद्य क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए एक दूसरी हरित क्रांति की ज़रूरत है.
- मनमोहन सिंह ने कहा कि 2020-21 तक भारत को 281 मिलियन टन अनाज की ज़रूरत होगी औऱ इसके लिए भारत को कृषि क्षेत्र में उत्पादन को दो फ़ीसदी प्रतिवर्ष के हिसाब से और बढ़ाना होगा.
- मनमोहन सिंह ने बताया कि भारत कृषि क्षेत्र में सकल घरेलू उत्पाद का 0.6 फ़ीसदी शोध औऱ विकास के लिए खर्च करता है लेकिन इसे 2020 तक दो से तीन गुना तक बढ़ाना होगा.
- उधर सरकार ने चार साल पुराने गेहूँ के निर्यात पर से प्रतिबंध उठाने का फ़ैसला किया है.
- वर्ष 2007 में बढती महंगाई को देखते हुए गेहूँ के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया गया था.
- हालांकि कृषि मंत्री शरद पवार ने पत्रकारों को बताया है कि अभी निर्यात किए जाने वाले गेहूँ की मात्रा पर फ़ैसला नहीं हुआ है.
हरित क्रांति के बारे में आप क्या जानते हैं? Harit Kranti Kya Hai in Hindi
हरित क्रांति की शुरुआत सन 1959 में जवाहर लाल नेहरू ने देश मे खाद्यान उत्पादन को बढ़ाने के लिए फॉउंडेशन नाम की एक संस्था गठित किया।।जो विदेशी कृषि वैज्ञानिक का एक समूह था।जिसका कार्य भारत मे उत्पादन को बढ़ावा देने का सुझाव दिया और भारत मे तत्कालीक प्रधानमंत्री जी ने सघन कृषि जिला कार्यक्रम 1961 में उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ से प्रारंभ किया।
Harit Kranti ke Janak Kaun Hai । Harit Kranti Kya Hai in Hindi
भारत मे हरित क्रांति लाने का श्रेय एम एस स्वामीनाथन को जाना जाता है। इसलिए इन्हें भारत मे हरित क्रांति का जनक कहा जाता है।
Harit Kranti Kab Hua Tha ।
भारत मे 1966–67–68–69 तक हरित क्रांति चली। 1962 में भारत चीन युद्ध 1965 मे भारत पाकिस्तान युद्ध और 1966 में भयंकर सूखा पड़ने से उत्पादन में और कमी आ गयी।भारत सरकार ने अमेरिका से बीजो के आयात का समझौता किया। सन 1953 में डॉक्टर विलियम गॉड ने हरित क्रांति शब्द दिया था।तथा नार्मन ई बोर लौंग ने गेंहू के तीन नए बीजो लरमा,सोनारा,और 64 रोजा 64A को लेकर 1959 1960 में मैक्सिको में हरित क्रांति का पहला सफल प्रयोग किया।हरित क्रांति का क्या अर्थ है?
Harit Kranti ki Mukhya Visheshta Kya Thi । Harit Kranti Kya Hai in Hindi
हरित क्रांती कि मुख्य विशेषतः यह हे कि, भारत की नई कृषि नीति सन् 1967-68 में लागू की गई, जिसमें अधिक उपज देने वाले बीजों को बोया गया तथा कृषि की नई तकनीकों का प्रयोग किया गया ।जिससे फसल उत्पादन में तीव्र वृद्धि हुई, इसे ही हरित क्रांति कहा गया। भारत में हरित क्रांति लाने का श्रेय सी सुब्रमण्यम को जाता है ।
हरित क्रान्ति का ही परिणाम किसे माना जाता है। Harit Kranti Kya Hai in Hindi
एम ऐस स्वामीनाथन एक जाने माने वनस्पति विज्ञानी थे जिन्होंने हरित क्रान्ति लाने के लिए सी सुब्रमण्यम के साथ काम किया । हरित क्रांति शब्द का प्रयोग 1940 और 1960 के समयकाल में विकासशील देशों में कृषि क्षेत्र में किया गया था। सिंचाई के लिए आधुनिक उपकरणों की व्यवस्था, कृत्रिम खाद एवं विकसित कीट नाशक तथा बीज से लेकर अंतिम उत्पाद तक विभिन्न नवीनतम उपकरण व मशीनों की व्यवस्था, हरित क्रान्ति का ही परिणाम माना जाता है।
नकारात्मक और सकारात्मक पहलू क्या हैं ? Harit Kranti ke Nakaratmak aur sakaratamk pahelu kya he? । Harit Kranti Kya Hai in Hindi
- जब गुस्सा आता है तो बहुत कड़वी हो जाती हूँ।(इस पर काम कर रही हूँ )।
- कुछ गलतियों को कभी माफ नही करती बल्कि उस इंसान को उसकी गलतियों के साथ छोड़ देती हूँ।
- ऐसा प्रेम नही कर पाती किसी से भी, कि आंखें बंद हो जाये और उसकी बुराइयां भी नजर आना बंद हो जाये।
- जल्दी विश्वास नही करती किसी का। यहीं कारण है कि जल्दी से रिश्तें नही बनाती।
- स्पष्ट बोलने की आदत कभी कभी लोगों को कम पसन्द भी आती है।
- जिन लोगों को नापसन्द करती हूँ उनकी बातें कभी नही सुनती।ऐसे समय मे मेरे कान काम करना बंद कर देते है और ध्यान कहीं और चला जाता है।
Harit Kranti Kya Hai in Hindi में और पढे
You Tube Channel Link
WhatsApp Channel Link
Instagram Channel Link
Leave a Reply